नई दिल्ली। जैसा कि नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में दर्शाया गया है, उसके अनुसार यह आशा की जाती है कि 2030 तक भारत की 40 प्रतिशत से अधिक आबादी शहरी क्षेत्रों में रहेगी। यह अनुमान नीति आयोग के अध्ययनों और रिपोर्टों के आधार पर लगाया गया है।
इसके अलावा, जहां तक प्रवास की जानकारी का सवाल है, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जुलाई 2020 – जून 2021 के दौरान किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) में घरेलू सदस्यों के प्रवास विवरण पर जानकारी एकत्र की गई है। चार प्रकार के ग्रामीण-शहरी प्रवास प्रवाह (अर्थात ग्रामीण क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों, शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों) द्वारा आंतरिक प्रवासियों का प्रतिशत निम्नानुसार तालिका में दिया गया है:
अखिल भारतीय स्तर पर | ग्रामीण से ग्रामीण | शहरी से ग्रामीण | ग्रामीण से शहरी | शहरी से शहरी | सभी | |
व्यक्ति | 55.0 | 10.2 | 18.9 | 15.9 | 100.0 | |
यह जानकारी आज लोकसभा में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह द्वारा एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी गई।