मोहम्मद ज़ाकिर घुरसेना
दुनिया में अरबों लोग हैं और सबको नाम मिला है। बिना नाम के पहचान भी नहीं मिलती सभ्य समाज में नाम जरूरी है। नाम इंसान की पहचान होती है बिना नाम के किसी इंसान को पहचाना मुश्किल काम होता है। भले ही एक ही नाम के लाखों करोड़ों की तादात क्यों न हो। कहा जाता है कि इंसान को जैसा नाम मिलता है उसके अंदर नाम के अनुरूप गुणों को महसूस करता है या अनुभूति होती है और नाम इंसान के पर्सनालिटी या स्वभाव पर भी असर डालता है। वर्तमान समय में समाज, संस्कृति को देखते हुए लोग नामकरण करने लगे हैं।
गुजरे जमाने में मां बाप के पसंद नापसंद को दरकिनार करते हुए लोग अब विश्व प्रसिद्ध नामों को अपना रहे हैं। विश्व में सर्वाधिक प्रशंसित और लोकप्रिय नाम “मुहम्मद” या “मोहम्मद” है और आज लोग इस नाम को अपने बच्चों को देना पसंद कर रहे हैं। यानी इस मुकद्दस और प्रशंसित नाम के साथ अपनों को जिंदगी भर के लिए जोड़कर रखना चाह रहे हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन और वेल्स में मोहम्मद और मुहम्मद सबसे लोकप्रिय नाम बन गया है, सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं दुनियां के कई देशों में भी यह नाम लोकप्रियता के शिखर पर बना हुआ है।
अधिकतर लोग अपने बच्चों का नाम मुहम्मद या मोहम्मद ही रख रहे हैं। पिछले दिनों देश के वरिष्ठ पत्रकार सुधीर चौधरी ने टीवी चैनल आजतक के प्रोग्राम ब्लैक एंड व्हाइट में भी इसका ज़िक्र किया था। गौरतलब है कि वर्ष 2007 में बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह नाम लोकप्रियता में दूसरे नंबर पर था लेकिन 2009 के बाद इस नाम की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ रही है और आज नंबर एक पर पहुंच गई है और दुनिया भर में सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला नाम बन गया है, हो भी क्यों न हो , इस नाम का शाब्दिक अर्थ ही प्रशंसा या तारीफ़ होता है। इंसान अपनी पूरी जिंदगी तारीफ़, प्रशंसा पाने के लिए खत्म कर देता है जो किसी को नसीब होता है और कई देखते रह जाते हैं,जो यहां सिर्फ नाम रख देने मात्र से मिल जाता है। वैसे भी देखा गया है जिस किसी का नाम मुहम्मद या मोहम्मद रखा गया हो वोह अच्छे इंसान और नेक चरित्र वाला बन जाता है।