रायपुर। आईजी अमरेश मिश्रा द्वारा रायपुर के यातायात व्यवस्था के संबंध में ट्रैफिक में तैनात आरक्षक-प्रधान आरक्षकों की बैठक ली गई जिसमें शहर की यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन में चर्चा की गई साथ ही ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को होने वाली समस्याओं को भी सुना गया। इस दौरान पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जिला रायपुर डॉ. लाल उमेद सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात डॉ. प्रशांत शुक्ला एवं डॉ. अनुराग झा, उप पुलिस अधीक्षक यातायात सतीष ठाकुर एवं गुरजीत सिंह उपस्थित रहें।
बैठक के दौरान पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा द्वारा अपने संबोधन में कहा कि ट्रैफिक पुलिस किसी भी शहर की पहचान है, कोई भी बाहर से आने वाले व्यक्ति का सामना सबसे पहले वहॉ की यातायात पुलिस एवं यातायात व्यवस्था से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर के लोग कैसे होंगे, आप सभी इस शहर की पहचान है। ट्रैफिक ड्यूटी पुलिस विभाग का सबसे कठिन ड्यूटी है, थाने के कर्मचारियों के पास विकल्प रहता है कि विपरीत मौसम जैसे सर्दी, गर्मी या बारिश बंद होने के बाद अपने कर्तव्यों का निष्पादन कर सकता है किन्तु ट्रैफिक जवान को ऐसे विपरीत मौसम में भी रोड में खड़े रहकर अपने कर्तव्य का निष्पादन करना पड़ता है। उनके द्वारा ट्रैफिक के जवानों को किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने व अपने परिवार व बच्चों के प्रति आशावादी बनने के लिए प्रेरित किया गया और कहा कि एक निराशावादी व्यक्ति कभी भी अपना या अपने परिवार का उद्वार नही कर सकता उसी प्रकार ड्यूटी के दौरान हमे आशावादी बनना पड़ेगा और अच्छी यातायात व्यवस्था के लिए हम और अधिक क्या कर सकते है यह सोचना पड़ेगा। जब तक आप लोगों के मन में ऐसा विचार नही आयेगा तब तक हम अच्छी व्यवस्था नही बना सकते। हमे अपने शहर की यातायात व्यवस्था को और अधिक अच्छा बनाना है इसके लिए हम सभी को अपने विवेक से काम करना होगा।
बैठक के दौरान किसी भी प्रकार की अपराधिक घटनाओं में अपराधियों का सामना सबसे पहले ट्रैफिक से होती है अतः आपमें यह कौशल होना आवश्यक है कि आप वाहन चालक के हावभाव एवं उनके आंखो को देखकर पहचान सकते है कि कौन अपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है और कौन सामान्य व्यक्ति। आप अपने बीट क्षेत्र के संदिग्ध लोगों पर भी नज़र रखें। ड्यूटी के दौरान यदि कोई वाहन चालक आपके साथ दुर्व्यवहार करता है या आपके साथ वाद-विवाद करता है तो उनसे उलझे नही तत्काल अपने वरिष्ठ अधिकारी के माध्यम से मुझे सुचित करें मै अवश्य उनके विरूद्ध ठोस कार्यवाही कराऊंगा कहा गया।
बैठक के दौरान यातायात के जवानों से ड्यूटी के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में पूछा गया जिस पर ट्रैफिक जवानों द्वारा राजधानी में हमेशा व्हीव्हीआईपी मुव्हमेंट रहता है इस कारण प्रतिदिन 10 से 12 घण्टे कार्य करना पड़ता है, ट्रैफिक वर्दी सफेद होने के कारण एक दिन से ज्यादा नही उपयोग कर सकते व साल में कम से कम 04 जोड़ी वर्दी बनाना पड़ता है इसके लिए अलग से युनिफार्म भत्ता स्वीकृत किये जाने से आर्थिक समस्याओं का हल हो सकता है। इसी प्रकार ट्रैफिक पुलिस का कैप गर्मी के दिनों में बहुत ज्यादा गरम हो जाता है जिसके कारण सिर में दर्द होती है इसके स्थान पर पी-कैप ज्यादा उपयोगी होगी। जिस पर पुलिस महानिरीक्षक द्वारा उपरोक्त समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान होगा बताया गया। साथ ही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी कर्मचारियों से सुझाव भी मांगी गई जिस पर कर्मचारियों द्वारा अपना सुझाव दिया गया।
बैठक के अंत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात रायपुर द्वारा ट्रैफिक जवानों के हौसला अफजाई करने, उनका उत्साह बढ़ाने एवं समस्याओं को सुनने के लिए आभार व्यक्त किया गया साथ ही यह आश्वासन दिया गया कि ट्रैफिक के जवान शहर की यातायात व्यवस्था के सुगम संचालन में अपना शत प्रतिशत योगदान देगें।